Wednesday 11 November 2009

पहला भ्रम ..


कल ही खोला था पर कई बार कई कुछ लिख कर हटा दिया। ये भी जिम्मेदारी ही है। मैं क्या सोचता हूं।इससे किसी को क्या मतलब हो सकता है। हो भी सकता है और इसी को आधार बना कर, कुछ विचार जो विचरते आते हैं उन्हें यहाँ कैद कर दूंगा। कब आयेगे ये तो पता नहीं, पर विचार से जयादा, दिमाग, विचार आने का भ्रम बनाए रखता है।और अभी मैं उसी भ्रम मैं हूं । ऐसा लग रहा है कि मैं विचारक हूं...

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