किसी विचार के सामने कोई गाना बाधा कैसे हो सकता ,अगर ऐसा है तो कल संविधान भी आड़े आ सकता है। कल हम नही होंगे इसीलिये आज इसकी सफाई चाहता हूँ ", ऐसा कुछ दिन पहले लिखा था और आज सुबह ही देखा की राष्ट्रीयगान जो राष्ट्र का प्रतीक है वो भी बाधक है। तो अब देश में खुले आम संविधान की अवहेलना की जायेगी, ऐसा मै बता नही रहा हूँ हो रहा है। सवाल किसी एक का नही है सवाल है उन बातों का जो बोलीं जा रही और वो देशद्रोह है। हम चुप हैं
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