जहाँ भी पानी बरसा पानी-पानी ही हो गया।सबलोग किसी ना किसी विभाग को कोसने लगे।हमने खुद को जिम्मेदारी से मुक्त रक्खा, क्यूँ ? ये मेरी समझ के बाहर है।सफ़ाई करने की और रखने की चीज़ है सिर्फ़ सफ़ाई करने से साफ़ नही रहता।साफ़ रखना तो पडेगा ना और वो हमें ही रखना पडेगा।हम जिम्मेदार बनें।
achhi nashihat
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